TOPIC : SENKAKU ISLAND – DISPUTE BETWEEN CHINA AND JAPAN

Vipin kumar gangwar Published on 26 June 2020

हाल ही में जापान की एक स्थानीय परिषद में चीन और ताइवान के साथ विवादित सेनकाकू द्वीपीय क्षेत्र में स्थित कुछ द्वीपों की प्रशासनिक स्थिति बदलने वाले विधेयक को स्वीकृति दी गई है.


मामला क्या है?

  1. चीन और जापान दोनों ही इन निर्जन द्वीपों पर अपना दावा करते हैं. जिन्हें जापान में सेनकाकू और चीन में डियाओस (दियाओयू) के नाम से जाना जाता है. इन द्वीपों का प्रशासन 1972 से जापान के हाथों में है. लेकिन उनकी कानूनी स्थिति अब तक कुछ विवादित रही है.
  2. पूर्वी चीन सागर में मौजूद इस द्वीप पर ताइवान भी अपना दावा जताता रहा है. हालांकि द्वीप पर इस वक्त जापान का कब्जा है.
  3. वहीं, चीन का दावा है कि यह द्वीप उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं और जापान को अपना दावा छोड़ देना चाहिए.

सेनकाकू द्वीप

  1. इस विवाद का कारण पूर्वी चीन सागर में स्थित आठ निर्जन द्वीप हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 7 वर्ग किमी. है.
  2. यह ताइवान के उत्तर-पूर्व, चीनी मुख्य भूमि के पूर्व में और जापान के दक्षिण-पूर्व प्रांत, ओकिनावा के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं.  

विवादित क्षेत्र का आर्थिक महत्त्व

  1. तेल एवं प्राकृतिक गैस के भंडार
  2. प्रमुख जलयान मार्गों के पास स्थित
  3. समृद्ध मत्स्यन क्षेत्र 

सेन फ्रांसिस्को संधि

जापान और अमेरिका में 1951 में सेन फ्रांसिस्को संधि है जिसके तहत जापान की रक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका की है. इस संधि में यह भी बात लिखी है कि जापान पर हमला अमेरिका पर हमला माना जाएगा. इस कारण अगर चीन कभी भी जापान पर हमला करता है तो अमेरिका को इनके बीच आना पड़ेगा.