अयोध्या का Ram Mandir बनने के बाद कुछ ऐसा दिखेगा, देखें तस्वीरें

Vipin Gangwar Published on 06 August 2020

राम मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हो रहे भूमि पूजन के पहले मंदिर की प्रस्तावित तस्वीरें जारी की हैं. अयोध्या का राम मंदिर बनने के बाद कुछ ऐसा ही दिखेगा. इसके लिए अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) से पहले यहां भूमि पूजन का बड़ा कार्यक्रम हो रहा है, जहां मंदिर का शिलान्यास होना है.

राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, अयोध्या के हर कोने से यह मंदिर दिखेगा. साल 1989 में राम मंदिर का मॉडल बनाया गया था. जिसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बदलाव किया है. यह मंदिर साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा. राम मंदिर का नक्शा तैयार करने वाले चीफ आर्किटेक्ट सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा ने बताया कि मंदिर के पास 70 एकड़ जमीन होगी. 65 एकड़ की जमीन पर मंदिर परिसर का विस्तार किया जाएगा.


रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर में एक दिन में एक लाख राम भक्त पहुंच सकेंगे. इसी को ध्यान में रखकर मंदिर के मॉडल में बदलाव किया गया है. पहले मंदिर में दो गुबंद बनने थे. मूल मॉडल में बिना परिवर्तन किए इन्हें पांच कर दिया है.


गर्भगृह से 200 फीट नीचे की मिट्टी का परीक्षण किया गया था. जिस जगह मिट्टी मंदिर का भार (वजन) सहने में कमजोर मिलेगी, उसके आगे तक मंदिर के आधार का प्लेटफार्म बढ़ाया जाएगा. मंदिर में सिंहद्वार, रंग मंडप, नृत्य मंडल, पूजा कक्ष और गर्भगृह के ऊपर पांचों गुंबद बनेंगे. शिलापूजन के बाद मशीनें लगाकर नींव खुदाई का काम शुरू हो जा


मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा. यह मंदिर लगभग 318 पिलर पर खड़ा होगा. पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फीट पत्थर की जरूरत बताई गई थी. मंदिर के नींव के प्लेटफार्म को तैयार करने में तीन-चार महीने लग सकते हैं.

यह नागर शैली में बना अष्टकोणीय मंदिर होगा. इसमें भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा. मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता माता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे. मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद की तरफ से पत्थरों को मंगाने और तराशने का काम सितंबर 1990 में शुरू किया गया था.


70 एकड़ भूमि में तीन एकड़ में मंदिर और कॉरिडोर बनेगा. इसके अतिरिक्त 67 एकड़ भूमि में कई म्यूजियम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर बनेंगे. पूरा परिसर हरा-भरा होगा. राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए कई वर्षों से पत्थर इकट्ठा कर अयोध्या में रखा गया है. इन्हें तराशा भी जा चुका है. दिल्ली एक निजी कंपनी को पत्थर तराशने का काम दिया गया है.