22वें_विधि_आयोग_के_गठन_को_केंद्र_सरकार_की_मंजूरीकेंद्र सरकार ने 19 फरवरी 2020 को 22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने फैसला किया है कि इसका गठन तीन साल के लिए किया जाएगा. इससे पहले 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को समाप्त हुआ था.विधि आयोग एक गैर-सांविधिक निकाय है. सरकार आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर इस आयोग का गठन करती है. इस आयोग का मूल रूप से 1955 में गठन किया गया था. आयोग का पुनर्गठन तीन साल हेतु किया जाता है.इससे_होने_वाले_लाभसरकार को विचारणीय विषयों के अनुसार अध्ययन एवं सिफारिश के लिए आयोग को सौंपे गये कानून के भिन्न-भिन्न पहलुओं के बारे में एक विशेषज्ञता प्राप्त निकाय से सिफारिशें मिलने का लाभ प्राप्त होगा. विधि आयोग केंद्र सरकार द्वारा इसे सौंपे गये या स्वतः संज्ञान पर कानून में अनुसंधान करने और उसके बारे में सुधार करने हेतु भारत के मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने तथा नए कानून बनाने का काम करेगा. यह प्रक्रियाओं में देरी को समाप्त करने, मामलों को तेजी से निपटाने, अभियोग की लागत कम करने हेतु न्याय आपूर्ति प्रणालियों में सुधार लाने के लिए अध्ययन तथा अनुसंधान भी करेगा.22वें_विधि_आयोग_की_जिम्मेदारियां• यह ऐसे कानूनों की पहचान करेगा जिनकी अब कोई जरूरत नही है या वे अप्रासंगिक है तथा जिन्हें तुरन्त निरस्त किया जा सकता है.• 22वें विधि आयोग मौजूदा कानूनों की जांच करेगा और सुधारों के लिए सुझाव देगा. यह संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित निर्देशक सिद्धांतों को लागू करने के लिए आवश्यक कानूनों का भी सुझाव देगा.• यह गरीब लोगों की सेवा में कानून और कानूनी प्रक्रियाओं का उपयोग करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा.• केंद्रीय अधिनियमों को संशोधित करना ताकि उन्हें सरल बनाया जा सके और विसंगतियों, संदिग्धताओं और असमानताओं को दूर किया जा सके.22वें_विधि_आयोग_के_सदस्यइस आयोग में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष, चार पूर्णकालिक सदस्य (सदस्य सचिव सहित) एवं पदेन सदस्य के रूप में विधि मंत्रालय के विधायी विभाग सचिव पदेन सदस्य के रूप में होंगे. इसमें अधिकतम पांच अंशकालिक सदस्य भी होंगे. आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश अथवा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आयोग की अगुवाई करते हैं.पृष्ठभूमिभारतीय विधि आयोग, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है. भारतीय विधि आयोग का मूल रूप से साल 1955 में गठन किया गया था. इस आयोग का प्रत्येक तीन साल के लिए पुनर्गठन किया जाता है. 21वें भारतीय विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 तक था. विभिन्न विधि आयोग प्रगतिशील विकास एवं देश के कानून के संहिताकरण के बारे में अहम योगदान देने में समर्थ रहे हैं. अभी तक विधि आयोग ने 277 रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं! - Study24x7
Social learning Network
study24x7

Default error msg

Login

New to Study24x7 ? Join Now
Already have an account? Login
472 followers study24x7 21 Feb 2020 11:29 PM study24x7 study24x7

22वें_विधि_आयोग_के_गठन_को_केंद्र_सरकार_की_मंजूरी

केंद्र सरकार ने 19 फरवरी 2020 को 22वें विधि आयोग के गठन को मंजूर...

See more

study24x7
Write a comment
Related Questions
500+   more Questions to answer
Most Related Articles