TOPIC : KEELADI EXCAVATIONS - Study24x7
Social learning Network
study24x7

Default error msg

Login

New to Study24x7 ? Join Now
Already have an account? Login

TOPIC : KEELADI EXCAVATIONS

Published on 28 June 2020
study24x7
Vipin kumar gangwar
6 min read 0 views
Published on 28 June 2020



तमिलनाडु राज्य के पुरातत्त्व विभाग द्वारा तमिलनाडु के कीलादी संगमकालीन नगरीय बस्ती में छठे चरण की खुदाई की जा रही है और उसी दौरान वहां एक बच्चे के कंकाल के अवशेष मिले हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि इस कंकाल को दो टेराकोटा कलशों के मध्य दफन किया गया था. विदित हो कि ‘कीलादी’ मदुरै से लगभग 13 किमी. दक्षिण-पूर्व में वैगई नदी के किनारे स्थित है.

अभी तक के खुदाई में कीलादी उत्खनन से निकले निष्कर्ष

  1. कीलादी की खुदाई से साबित होता है कि तमिलनाडु में संगम युग में वैगई नदी के किनारे एक शहरी सभ्यता मौजूद थी.
  2. उत्खनन में प्राप्त वस्तुएँ लौह युग (12वीं स्थाब्दी ई.पू. से 6ठी शताब्दी ई.पू.) और प्रारम्भिक ऐतिहासिक काल (छठी शताब्दी ई.पू से चौथी शताब्दी ई.पू) के बीच की खोई हुई कड़ियों और तत्पश्चात् हुई सांस्कृतिक प्रगतियों को समझने में सहायता पहुँचाती हैं.
  3. उत्खनन में बर्तन पर तमिल ब्राह्मी लिपि लिखी हुई मिलती है जिससे पता चलता है कि छठी शताब्दी ई.पू. में साक्षरता का स्तर अच्छा था.
  4. उत्खनन में कई पशुओं के कंकाल खंड मिले हैं जैसे गाय-बैल, भैंस, भेड़, बकरी, नील गाय, कृष्ण मृग, बनैला सूअर और मोर. इससे पता चलता है कि उस समय का समाज हेती करता था और पशुओं को पालता था.
  5. उत्खनन में लम्बी दीवारें, पीटा हुआ फर्श, छत के खप्पर, बाँस में लगाई हुईं लोहे की कीलें आदि मिली हैं जिससे संगम युग में जीवन के उच्च स्तर का पता चलता है.
  6. उत्खनन में अन्य वस्तुएँ भी मिली हैं जिनका महत्त्व है. ये हैं – ईंटों के भवन, ईंट से सजाये हुए कुएँ, खप्पर, सोने के गहने, ताम्बे से बनी हुई वस्तुओं के टुकड़े, लोहे के औजार, मिट्टी से बने शतरंज की गोटियाँ, कान के बाले, तकुए, छोटी-छोटी मूर्तियाँ, काले और लाल बर्तन, कलाकृति वाले बर्तन, शीशे के मनके, अर्ध-मूल्यवान पत्थर आदि.
  7. खनन स्थल पर या उसके निकट गुफाओं और चट्टानों के साथ-साथ मिट्टी के बर्तनों पर उत्कीर्ण आकृतियाँ मिलती हैं जो सिन्धु घाटी सभ्यता की आकृतियों से मेल खाती हैं.

Keeladi excavations

 

TOPIC : UIGHUR RIGHTS BILL

संदर्भ

नॉवल कोरोना वायरस के कारण विश्व- भर में फैली महामारी कोविड-19 को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विधेयक पर हस्ताक्षर किया है जिसमें उइगर व अन्य अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चीन को दंडित करने की मांग की गई है. पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में उइगर व अन्य जातीय समूहों की व्यापक निगरानी और हिरासत में लेने वाले चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध शामिल है.

उनकी स्वीकृति के साथ ही यह विधेयक अब कानून बन गया है. इस विधेयक में उइगर मुसलमानों के दमन के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध की बात कही गई है.

चीन पर क्या आरोप है?

सुनने में आता है कि उइगर लोगों को “शेष देश के साथ समरस” बना रहा है. इसके लिए कहा जाता है कि दस लाख उइगरों, कज्जाखों और दूसरे मुसलमानों को पकड़ कर बंदी शिवरों में डाल दिया गया है जहाँ उनको अपनी पहचान छोड़ने और हान चीनियों के प्रभुत्व वाले साम्यवादी देश चीन में बेहतर ढंग से घुलने-मिलने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

पर चीन का कहना है कि ये सारे आरोप असत्य हैं. वस्तुतः वह उनको “अतिवादी” विचारों से मुक्त किया जा रहा है और व्यावसायिक कौशल सिखाया जा रहा है.

चीन ने हाल के वर्षों में में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उइगर और अन्य मुस्लिम समूहों के विरुद्ध दमनात्मक कदम उठाये हैं और चीन ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज करता आया है, ठीक उसी प्रकार वर्तमान मोदी सरकार अपनी हिंदू राष्ट्रवादी नीतियों की आलोचना सह नहीं पाती और इन आरोपों को गलत ठहरा देती है.

उइगर (UIGHURS) कौन हैं?

  1. उइगर मुसलमानों की एक नस्ल है जो बहुत करके चीन के Xinjiang प्रांत में रहती है.
  2. उइगर लोगउस प्रांत की जनसंख्या के 45% हैं.
  3. विदित हो कि तिब्बत की भांति Xinjiang भी चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र घोषित है.

उइगरों के विद्रोह का कारण

  1. कई दशकों से Xinjiang प्रांत में चीन की मूल हान (Han) नस्ल के लोग बसाए जा रहे हैं. आज की तिथि में यहाँ 80 लाख हान रहते हैं जबकि 1949 में इस प्रांत में 220,000 हान रहा करते थे.
  2. हान लोग अधिकांश नई नौकरियों को हड़प लेते हैं और उइगर बेरोजगार रह जाते हैं.
  3. उइगरों की शिकायत है कि सैनिक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं जबकि सरकार यह दिखाती है कि उसने सभी को समान अधिकार दिए हुए हैं और विभिन्न समुदायों में समरसता है.

चीन की चिंता

  1. चीन का सोचना है कि उइगरों का अपने पड़ोसी देशों से सांस्कृतिक नाता है और वे पाकिस्तान जैसे देशों में रहने वाले लोगों के समर्थन से Xinjiang प्रांत को चीन से अलग कर एक स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं.
  2. विदित हो Xinjiang प्रांत की सीमाएँ मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान से मिलती है.

हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ा है. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस महामारी के लिए लगातार चीन को जिम्मेदार ठहराते आए हैं. वहीं अब इस बिल के कारण भी अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है.


study24x7
Write a comment...
Related Posts